हमारे जीवन में बीमारियाँ आती रहती हैं। कभी छोटी, तो कभी बड़ी। इन बीमारियों से निजात पाने के लिए हम दवाओं का सहारा लेते हैं, डॉक्टरों के पास जाते हैं, और इलाज करवाते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि दवा काम कैसे करती है? और असली शिफा कौन देता है?
कुरान में अल्लाह तआला फरमाते हैं:
“وَإِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ يَشْفِينِ”
(और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे शिफा देता है।)
इस आयत से हमें यह सीख मिलती है कि शिफा का असली मालिक केवल अल्लाह है। दवा और इलाज सिर्फ एक साधन (वसीला) हैं, लेकिन शिफा देने वाला केवल अल्लाह है।
दवा का काम क्या है?
आधुनिक विज्ञान के अनुसार, दवाएं हमारे शरीर में कुछ केमिकल प्रतिक्रियाएं करती हैं। जैसे:
- एंटीबायोटिक्स: ये बैक्टीरिया को मारती हैं।
- पेनकिलर: ये दर्द को कम करती हैं।
- एंटीवायरल: ये वायरस के प्रभाव को कम करती हैं।
लेकिन क्या हर बार दवा काम करती है? नहीं। कई बार एक ही दवा एक व्यक्ति को फायदा पहुँचाती है, तो दूसरे को नहीं। कई बार बिना दवा के भी लोग ठीक हो जाते हैं। यहाँ तक कि कुछ मामलों में “प्लेसिबो इफेक्ट” (Placebo Effect) के कारण भी लोगों को शिफा मिल जाती है। यानी, सिर्फ यकीन और विश्वास से भी इंसान ठीक हो सकता है।
वैज्ञानिक नजरिया: Placebo Effect
विज्ञान भी यह मानता है कि कई बार दवा का असर नहीं होता, लेकिन फिर भी मरीज ठीक हो जाता है। इसे “प्लेसिबो इफेक्ट” (Placebo Effect) कहते हैं। यानी, अगर मरीज को यकीन हो कि वह दवा उसे ठीक कर देगी, तो वह ठीक हो जाता है। यह साबित करता है कि शिफा का असली स्रोत दवा नहीं, बल्कि कुछ और है।
तो शिफा कौन देता है?
दवा और इलाज सिर्फ एक साधन हैं। असली शिफा देने वाला अल्लाह है। हमें यह समझना चाहिए कि दवा का काम सिर्फ बीमारी के लक्षणों को कम करना है, लेकिन पूरी तरह से ठीक करना अल्लाह के हाथ में है।
इस्लाम क्या कहता है?
इस्लाम हमें सिखाता है कि हमें इलाज करवाना चाहिए और दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। नबी करीम ﷺ ने भी बीमारियों का इलाज किया और दवाओं का इस्तेमाल किया। लेकिन साथ ही उन्होंने अल्लाह से शिफा की दुआ भी माँगी। यह हमें यह सिखाता है कि हमें साधन (दवा) को अपनाना चाहिए, लेकिन उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए। असली भरोसा अल्लाह पर होना चाहिए।
हमारा रवैया क्या होना चाहिए?
- दवा और इलाज का इस्तेमाल करें: बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाएँ और दवाएं लें। यह अल्लाह की दी हुई नेमत है।
- अल्लाह पर भरोसा रखें: दवा लेते समय यह याद रखें कि शिफा देने वाला अल्लाह है।
- दुआ करें: नबी करीम ﷺ ने कई बीमारियों के लिए दुआएं सिखाई हैं। उन्हें पढ़ें और अल्लाह से शिफा माँगें।
निष्कर्ष:
दवा और इलाज सिर्फ एक साधन हैं। असली शिफा देने वाला अल्लाह है। हमें चाहिए कि हम दवाओं का इस्तेमाल करें, लेकिन अल्लाह पर भरोसा रखें। यही सही तरीका है जिससे हम बीमारियों से लड़ सकते हैं और अल्लाह की रहमत से शिफा पा सकते हैं।
दुआ है कि अल्लाह हम सभी को सेहत और शिफा अता फरमाए। आमीन!