पुनर्नवा (Punarnava)

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला पुनर्नवा (Punarnava) एक पौधा है जो आमतौर पर भारतीय औषधीय पौधों में पाया जाता है और इसे विभिन्न चिकित्सा उद्दीपनाओं के लिए प्रचलित किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Boerhavia diffusa” है। यह पौधा भूमि पर फैलने वाला है और उसकी नीले फूलों वाली झाड़ीदार खारी पत्तियाँ होती हैं।

पुनर्नवा का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसे उच्च रक्तचाप, मूत्र संबंधित समस्याएं, श्वासरोग, किडनी समस्याएं, जड़ी-बूटियों के साथ बनी कई आयुर्वेदिक औषधियों में शामिल किया जाता है। पुनर्नवा को मूत्रशोधक, शोथनीय, और रक्तशोधन गुणों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।

पुनर्नवा के पौधे का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसकी जड़, पत्तियाँ और फूल सभी भागों में चिकित्सीय गुण होते हैं। पुनर्नवा का मुख्य उपयोग मूत्र संबंधित समस्याओं, श्वासरोग, गठिया, रक्तचाप, किडनी संबंधित रोगों, और त्वचा विकारों में किया जाता है।

इसके अलावा, पुनर्नवा को आमतौर पर रक्तशोधक, मूत्रशोधक, और तंतुमुत्रहर योगिका के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कई पोषण तत्व और औषधीय गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

पुनर्नवा के अन्य नाम

पुनर्नवा के अन्य नाम हिंदी में:

  1. सतोदी (Satodi)
  2. गधापुर्णा (Gadhapurna)
  3. सहीज़ाड़ा (Sahijada)
  4. शोथघ्न (Shothaghna)
  5. राक्तकीरा (Raktakira)
  6. रक्तपुनरी (Rakta Punarni)
  7. उत्तरणी (Uttarani)
  8. बूरी (Boori)
  9. भूरी (Bhoori)
  10. वृष्याकर (Vrishyakar)

पुनर्नवा का पोषण तत्व: Nutritional Value of Punarnava

पुनर्नवा का पौधा औषधीय गुणों के साथ साथ कई पोषण तत्वों से भी भरपूर होता है। निम्नलिखित है पुनर्नवा की प्रमुख पोषण तत्व:

  1. प्रोटीन (Protein): पुनर्नवा में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के उत्तराधिकारी सामग्रियों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  2. कैल्शियम (Calcium): इसमें कैल्शियम मौजूद होता है जो हड्डियों और दाँतों के स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  3. फास्फोरस (Phosphorus): यह मिनरल हड्डियों और दाँतों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है, और पुनर्नवा में यह मात्रा में मिलता है।
  4. विटामिन C (Vitamin C): पुनर्नवा में विटामिन C होता है जो शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ावा देता है और रक्त संचरण को सुधारने में मदद करता है।
  5. कैरोटीन (Carotene): यह एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद करता है।
  6. आयरन (Iron): आयरन की आच्छी मात्रा में पुनर्नवा में पाई जाती है, जो हेमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक है।
  7. विटामिन A (Vitamin A): यह रेटिनोल के रूप में मौजूद होता है और आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
  8. विटामिन B-कॉम्प्लेक्स (Vitamin B-Complex): इसमें विटामिन B1, B2, B3, और B6 मौजूद हैं, जो शरीर के न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शन को सहारा देते हैं।

पुनर्नवा का औषधीय महत्व

पुनर्नवा एक औषधीय पौधा है जिसमें कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न रोगों के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यहां पुनर्नवा के मुख्य औषधीय लाभों की कुछ बातें हैं:

  1. मूत्र संबंधित रोगों का इलाज: पुनर्नवा मूत्र तंतु को शुद्ध करने में मदद करता है, जिससे मूत्र संबंधित समस्याएं जैसे कि गुर्दे की स्त्राव, सूजन और इन्फेक्शन का इलाज किया जा सकता है।
  2. गठिया रोग का समर्थन: पुनर्नवा का सेवन गठिया रोग के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इसमें अन्युमात्र शोथ, जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. रक्तशोधक प्रदर्शन: पुनर्नवा को रक्तशोधक के रूप में भी जाना जाता है, जिससे खून की सही संरचना बनाए रखने में मदद की जा सकती है।
  4. लीवर स्वस्थ्य: इसका सेवन लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है और लीवर संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।
  5. श्वासरोग का इलाज: पुनर्नवा का उपयोग श्वासरोगों जैसे कि अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस के इलाज में भी किया जाता है।
  6. शरीर में उरिक एसिड को कम करना: यह शरीर में उरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे गठिया और किडनी से संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।
  7. आंतरिक शुद्धि: पुनर्नवा शरीर को आंतरिक रूप से शुद्ध करने में सहायक होता है और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
  8. मूत्राशय स्वस्थ्य: यह मूत्राशय स्वस्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है और पेशाब की समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।

पुनर्नवा के उपचारात्मक उपयोग Therapeutic Uses of Punarnava

पुनर्नवा का औषधीय उपयोग विभिन्न रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यहां पुनर्नवा के औषधीय उपयोगों की कुछ सामान्य स्थितियां हैं:

  1. मूत्र संबंधी समस्याएँ: पुनर्नवा मूत्र और किडनी संबंधित समस्याओं में उपयोगी है। इसमें मूत्रशोधक गुण होते हैं, जो मूत्रमार्ग की सफाई करने में मदद कर सकते हैं।
  2. श्वासरोग: पुनर्नवा को श्वासरोग, जैसे कि अस्थमा और श्वासनली रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. गठिया (Arthritis): पुनर्नवा का सेवन गठिया जैसी जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
  4. रक्तचाप (Hypertension): इसे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है, जिससे हृदय स्वस्थ रह सकता है।
  5. कैंसर के इलाज में सहायक: कुछ अध्ययनों में दिखाया गया है कि पुनर्नवा का नियमित सेवन कैंसर के इलाज में सहायक हो सकता है।
  6. पेट संबंधित समस्याएँ: पुनर्नवा का उपयोग पेट संबंधित समस्याओं, जैसे कि पेट में सूजन, एसिडिटी, और पेट की सफाई के लिए किया जा सकता है।
  7. शरीर में वायु बन्द होने की स्थितियाँ: पुनर्नवा का सेवन शरीर में वायु की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
  8. त्वचा विकार: इसे त्वचा के विभिन्न विकारों, जैसे कि खुजली और दाद, के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  9. किडनी स्वास्थ्य (Kidney Health): पुनर्नवा का प्रयोग किडनी संबंधित समस्याओं, जैसे कि किडनी की पथरी, किडनी रोग, और किडनी की सुरक्षा में किया जाता है। इसमें किडनी को स्वस्थ रखने और उसकी सफाई को बढ़ावा देने का कारगर रोल होता है।
  10. शरीर के सूजन (Edema): इसकी आची तरह से जानी जाने वाली गुणकारी सामग्री के कारण, पुनर्नवा का उपयोग शरीर के अत्यधिक सूजन (एडीमा) के इलाज में किया जा सकता है।
  11. पाचन तंत्र सुधार (Digestive System): पुनर्नवा पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक हो सकता है, जिससे आपके शरीर को अधिक पोषण मिल सकता है।
  12. कृपया ध्यान दें कि किसी भी औषधीय उपयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना सुरक्षित है, और यह बात उन व्यक्तियों के लिए भी लागू होती है जो किसी भी तरह के चिकित्सा निरीक्षण या इलाज के लिए आवश्यक हो सकते हैं।

आँखों के लिए पुनर्नवा के फायदे Benefits of Punarnava for Eyes

पुनर्नवा का सेवन आँखों के स्वास्थ्य के लाभ कर सकता है।

पुनर्नवा की पत्तियों के रस को शहद के साथ मिलाकर आंखों पर लगाने से क्रोनिक नेत्र रोग और मोतियाबिंद को ठीक किया जा सकता है।
जड़ों का ताज़ा रस रतौंधी और नेत्रश्लेष्मलाशोथ के लक्षणों से राहत दिला सकता है।
अन्य नेत्र रोग जिनसे छुटकारा पाया जा सकता है वे हैं कॉर्नियल अपारदर्शिता, आँखों से पानी आना, यहां पुनर्नवा के आँखों के लिए कुछ मुख्य लाभों की सूची है:

  1. आंखों की सुरक्षा (Eye Protection): पुनर्नवा में विटामिन A और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। ये आंखों को रेडिकल दमेज से बचाने और आंखों की स्वस्थता को बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।
  2. दृष्टि की सुरक्षा (Vision Protection): पुनर्नवा में मौजूद कैरोटीन, जो विटामिन A का एक प्रकार है, आंखों की दृष्टि को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
  3. नये नेत्राधिकारियों का निर्माण (Formation of New Retinal Cells): अनुसंधानों के अनुसार, पुनर्नवा का सेवन रेटिनल सेल्स के नए निर्माण में सहायक हो सकता है, जिससे नेत्राधिकारियों की संख्या बढ़ सकती है।
  4. नेत्रों की सूजन को कम करना (Reducing Eye Inflammation): पुनर्नवा में एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण हो सकते हैं जो आंखों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आंखों की थकान और आंखों के चारों पट्टियों को बढ़ावा मिल सकता है।
  5. चाशनी में सुधार (Improving Clarity of Vision): पुनर्नवा का सेवन आंखों की चाशनी में सुधार कर सकता है, जिससे व्यक्ति अच्छी तरह से दूर की चीजों को देख सकता है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के लिए पुनर्नवा Punarnava for Gastrointestinal Diseases

पुनर्नवा के सेवन से पाचन तंत्र को सुधारने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पाचन तंत्र संबंधित) रोगों के इलाज में कई लाभ हो सकते हैं। यहां पुनर्नवा के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के लिए कुछ मुख्य लाभों की सूची है:

  1. पाचन को सुधारना (Improving Digestion): पुनर्नवा मध्ये पाचन क्रिया को बढ़ावा देने वाले तत्वों से भरपूर होता है, जिससे आपका पाचन तंत्र सुधारित हो सकता है।
  2. आमाशय संबंधित रोगों में सहायक (Helpful in Gastric Disorders): पुनर्नवा का सेवन आमाशय संबंधित समस्याओं, जैसे कि अम्लपित्त, गैस्ट्राइटिस, और पेट में दर्द में मदद कर सकता है।
  3. अपच (Indigestion) को दूर करना: पुनर्नवा के गुण अपच को दूर करने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपका पाचन सिस्टम स्वस्थ रह सकता है।
  4. मल विसर्जन को बढ़ावा देना (Enhancing Bowel Movement): यह पुनर्नवा को एक उत्तम प्राकृतिक विधि माना जाता है जो मल विसर्जन को सुधार सकती है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर कर सकती है।
  5. पेट में जलन और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) में लाभकारी (Beneficial in Heartburn and Irritable Bowel Syndrome): पुनर्नवा का सेवन पेट में जलन, असुविधाएं, और आइबीएस जैसी समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकता है।
  6. पेट की सूजन कम करना (Reducing Abdominal Swelling): इसके एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण पेट की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के साथ जुड़ी हो सकती है।
  7. पेट इन्फेक्शन का इलाज (Treatment of Abdominal Infections): पुनर्नवा के गुण पेट में होने वाले इंफेक्शन्स के इलाज में सहायक हो सकते हैं।

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